khichdi recipe | dal khichdi recipe | How To Make Moong Dal Khichadi -खिचड़ी रेसिपी | दाल खिचड़ी रेसिपी | मूंग दाल खिचड़ी कैसे बनाएं विस्तृत फोटो और वीडियो रेसिपी के साथ। शायद स्वास्थ्यवर्धक और आरामदायक भोजन व्यंजनों में से एक चावल और मूंग दाल के संयोजन से बनाया जाता है। पूरे भारत में, खिचड़ी व्यंजन अलग-अलग कारणों और अवसरों के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन मूल सामग्री और संयोजन समान रहते हैं। आम तौर पर, इसमें सभी मसाले और स्वाद होते हैं और इसे बिना किसी किनारे के वैसे ही परोसा जाता है, लेकिन अचार या मलाईदार दही के साथ परोसने पर इसका स्वाद बहुत अच्छा लगता है।
ingredients moong dal khichdi recipe
Rice -1 cup | चावल -1 कप |
Moong dal -1 cup | मूंग दाल -1 कप |
Onion-1/2 cup | प्याज- 1/2 कप |
French beans -1/4 cup | फ्रेंच बीन्स – 1/4 कप |
Carrot-1/4 cup | गाजर- 1/4 कप |
Green peas-1/2 cup | हरी मटर- 1/2 कप |
Tomato -1/2 cup | टमाटर -1/2 कप |
Green chilli -2 | हरी मिर्च-2 |
Curry leaves – 15 | करी पत्ता – 15 |
Cauliflower-1/2 cup | फूलगोभी- 1/2 कप |
Cinnamon stick -1 inch | दालचीनी की छड़ी -1 इंच |
Cumin seeds -1 tbsp | करी पत्ता – 15 |
Ghee – 1 tbsp | दालचीनी की छड़ी -1 इंच |
Cumin seeds -1 tbsp | जीरा -1 बड़ा चम्मच |
Ghee – 1 tbsp | घी – 1 बड़ा चम्मच |
Cooking oil -3 tbsp | खाना पकाने का तेल -3 बड़े चम्मच |
moong dal khichdi बनाने के लिए हमलेंगे 1 कप moong ki dal और बराबर मात्र मे चावल लेंगे चावल छोटे वाले use करें उससे khichdi अच्छी बनती है
अब इसे पानी से अच्छे धूल लेंगे और इसे साइड मे रख दें
how to make dal khichdi
एक पैन गरम करेंगे और उसमे डाल देंगे 3 बड़े चम्मच तेल और इसे 1 बड़ा चम्मच घी दाल देंगे, आप चाहें तो सिर्फ तेल का use कर सकते हैं ।
तेल गरम होने के बाद 2 तेज पत्ता डालेंगे, 1 इंच daal चीनी, 1 चम्मच जीरा पाउडर और इसके साथ हरी मिर्च , इन सबको अच्छे से भून लेंगे ।
जैसे ही पक जाएगा हम इसमे डाल देंगे सब्जियां onion , french beans. green peas, cauliflower, tomato. पहले प्याज को डाल के भून लेंगे जब प्याज का कलर बदल जाए तो इसमे टमाटर छोड़ के बाकी की चीजें डाल देंगे ।
सब्जियों को 2 minutes के लिए भून लेंगे क्योंकि इसे प्रेशर कुकर मे पकाना ही है तो इसे ज्यादा भुनाने की जरुत नहीं हैं। 2 minutes इसमे टमाटर डालें फिर इसे अच्छे से मिल दें टमाटर डालने के बाद 1 मिनट तक और भुन लेंगे।
अब इसमे धुले हुए चवाल और दाल डाल देंगे और इसे थोड़ा मिक्स कर देंगे, इसके बाद इसमे डालेंगे पानी, जितना चावल दाल डाले थे उसका 3 गुना पानी use करना हैं तो इसमें 6 कप पानी डालेंगे। 1 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 छोटा चम्मच गरम मशाला,स्वाद के अनुसार नामक डाल कर इसे एचचे से मिक्स कर लेंगे और एसके बाद 1 चम्मच घी डाल देंगे जिससे बहुत अच्छा टेस्ट आएगा । इसे मिला दे।
इसके बाद प्रेशर कुकर को कवर कर के मीडियम आंच पर 2 सिटी आने तक इसे उबाल लेनी है 2 सिटी से ज्यादा नहीं लगाएं नहीं तो ये over कूक हो जाएगा।
2 सिटी होने बाद गैस को बंद कर दें और इसे खुद ठंडा होने के लिए छोड़ दें, जब ये खुद से ठंडा हो जाए तो हम प्रेशर कुकर को ओपन करेंगे।
अब हमारी सुपर टेस्टी dal khichdi बन कर तैयार है।
दाल खिचड़ी एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है जो विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में लोकप्रिय है। इसकी उत्पत्ति और इतिहास को लेकर कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. भारतीय उपमहाद्वीप की परंपरा
- प्राचीन भारतीय भोजन:
- दाल खिचड़ी की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप के प्राचीन भोजन की परंपरा से जुड़ी है। यह व्यंजन भारतीय घरों में लंबे समय से बनाई जाती रही है और इसका ऐतिहासिक संदर्भ भारत की प्राचीन रसोई से मिलता है।
- विविधता और क्षेत्रीय विशिष्टता:
- भारत में दाल खिचड़ी के विभिन्न रूप और किस्में पाई जाती हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों की रसोई पर निर्भर करती हैं। उत्तर भारत में, विशेष रूप से पंजाब और उत्तर प्रदेश में, इसे एक सामान्य और लोकप्रिय भोजन के रूप में तैयार किया जाता है।
2. आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य लाभ
- आयुर्वेद में स्थान:
- दाल खिचड़ी का सेवन आयुर्वेद में भी उच्च महत्व रखता है। आयुर्वेद में इसे एक पाचन-सुखदायक और संतुलित भोजन माना जाता है। इसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए सुझाया जाता है जो डाइजेस्टिव समस्याओं से परेशान हैं या जिन्हें हल्का और पोषण युक्त भोजन चाहिए।
- स्वास्थ्य लाभ:
- दाल खिचड़ी में दाल और चावल का संयोजन शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स का अच्छा स्रोत होता है। इसे पाचन में आसानी, ऊर्जा, और संपूर्ण पोषण के लिए उपयोगी माना जाता है।
3. ऐतिहासिक संदर्भ
- मुग़ल और राजपूत रसोई:
- दाल खिचड़ी का उल्लेख ऐतिहासिक समय में भी मिलता है, विशेष रूप से मुग़ल काल के दौरान। मुग़ल साम्राज्य के दौरान, भारतीय रसोई में दाल और चावल के मिश्रण का उपयोग किया जाता था, जो दाल खिचड़ी के रूप में विकसित हुआ।
- राजस्थानी और पंजाबी परंपरा:
- राजस्थान और पंजाब की पारंपरिक रसोई में भी दाल खिचड़ी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ इसे विशेष अवसरों, जैसे त्योहारों और धार्मिक अवसरों पर तैयार किया जाता है।
4. विविध रूप और प्रस्तुतिकरण
- विविध प्रकार:
- दाल खिचड़ी की कई किस्में होती हैं, जैसे मूँग दाल खिचड़ी, तूर दाल खिचड़ी, और चने दाल खिचड़ी। हर क्षेत्र और परिवार के अनुसार इसकी तैयारी और सामग्री में भिन्नता हो सकती है।
- अलग-अलग प्रस्तुति:
- खिचड़ी को विभिन्न रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, जैसे ताजे हरी सब्जियों, घी, और मसालों के साथ। इसे अक्सर रायता, पापड़, और अचार के साथ परोसा जाता है।
निष्कर्ष
दाल खिचड़ी की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन खाद्य परंपराओं से जुड़ी हुई है। यह एक प्राचीन और पारंपरिक व्यंजन है, जिसका उपयोग भारतीय घरों में लंबे समय से किया जा रहा है। इसके स्वास्थ्य लाभ और पाचन-सुखदायक गुणों के कारण यह भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और विभिन्न क्षेत्रों में इसकी विविधता और महत्व है।
दाल खिचड़ी खाने के फायदे
दाल खिचड़ी एक पौष्टिक और संतुलित भोजन है, जो दाल (बीन्स) और चावल के मिश्रण से बनाया जाता है। यह विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत लोकप्रिय है और विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यहाँ विस्तार से बताया गया है कि दाल खिचड़ी खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं:
1. पोषक तत्वों की भरपूरता
- प्रोटीन:
- दाल और चावल का संयोजन शरीर को पूर्ण प्रोटीन प्रदान करता है, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक होता है। दाल में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो पौष्टिकता को बढ़ाती है।
- फाइबर:
- दाल खिचड़ी में उच्च फाइबर सामग्री होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करती है।
- विटामिन्स और मिनरल्स:
- दाल खिचड़ी में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और अन्य आवश्यक मिनरल्स होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
2. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी
- पाचन में सुधार:
- फाइबर और सरल सामग्री के कारण, दाल खिचड़ी पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छी होती है। यह पाचन को आसान बनाती है और पेट को हल्का महसूस कराती है।
- आयुर्वेदिक लाभ:
- आयुर्वेद में दाल खिचड़ी को एक पाचन-सुखदायक भोजन माना जाता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होती है जो पाचन समस्याओं का सामना कर रहे हैं या जिनके पाचन तंत्र में असंतुलन है।
3. ऊर्जा का अच्छा स्रोत
- ऊर्जा प्रदान करना:
- दाल खिचड़ी में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो व्यस्त दिनचर्या या शारीरिक मेहनत के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
4. वजन नियंत्रण में सहायक
- भूख को नियंत्रित करना:
- फाइबर और प्रोटीन से भरपूर दाल खिचड़ी आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराती है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम होती है और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
5. हृदय स्वास्थ्य में सुधार
- कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण:
- दाल में कम मात्रा में वसा और फाइबर होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और हृदय स्वास्थ्य को सुधारते हैं।
6. मधुमेह प्रबंधन
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स:
- दाल खिचड़ी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद मिलती है। यह मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकती है।
7. हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा
- कैल्शियम और फास्फोरस:
- दाल और चावल दोनों में कैल्शियम और फास्फोरस होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह हड्डियों की मजबूती और विकास के लिए आवश्यक हैं।
8. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
- विटामिन्स और मिनरल्स:
- दाल खिचड़ी में विटामिन B-complex और अन्य मिनरल्स होते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह तनाव को कम करने और मानसिक ताजगी बनाए रखने में सहायक होती है।
9. स्वास्थ्यवर्धक तत्व
- संतुलित पोषण:
- दाल खिचड़ी में संतुलित मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो संपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं और शरीर के विभिन्न अंगों के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।
10. साल्ट और तेल का कम उपयोग
- हल्का और पौष्टिक:
- दाल खिचड़ी को कम तेल और नमक के साथ तैयार किया जा सकता है, जिससे यह एक हल्का और स्वास्थ्यवर्धक भोजन बनता है। यह कम कैलोरी और कम फैट्स के साथ होता है।
निष्कर्ष
दाल खिचड़ी एक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक भोजन है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। इसमें उच्च प्रोटीन, फाइबर, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। यह पाचन, ऊर्जा, और वजन नियंत्रण में सहायक होती है, और इसे एक संतुलित और पोषण युक्त आहार के रूप में शामिल किया जा सकता है।